रविवार, 13 जनवरी 2013

हुआ जब किस्सा-ए-दिल



हुआ जब किस्सा-ए-दिल आम तुम्हारा ।
नही तसव्वुर* में कोई काम तुम्हारा ॥
पूछा जब दोस्तों ने कातिलों का नाम ।
आया जबां पे फ़कत** बस नाम तुम्हारा ॥

-अंकित कुमार 'नक्षत्र'
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*तसव्वुर= कल्पना, **फकत = केवल 

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