बुधवार, 17 अक्तूबर 2012

राधा-कृष्ण



माधुर्य वाणी, चंचल चितवन,
राधा कृष्णा से मिली मधुबन ।
थे नेत्र सजल-औ-अश्रुपूर्ण,
श्रीकृष्ण देख हुए भाव-विहल ।
राधा के मुख पर देखी थी,
कृष्ण नें वियोग की पीडा आज ।
उनको भी स्मृति होने लगी,
राधा के संग प्रेम-क्रीडा आज ।
अंतर्मन बांसुरी में खोकर,
गोपियों के संग वो करते रास ।
लेकिन कृष्णा भंवरों की तरह,
मंडराते राधा के आस पास ।
राधा को वियोग सहना पडा,
फ़िर समय आया ऐसा विकट ।
राधा की प्रार्थना, कृष्णा से,
हो जाओ मेरे सम्मुख प्रकट ।

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