बुधवार, 29 सितंबर 2010

कहां गई वो




कुछ ढूंढ्ता रहता हूं दिल ही दिल मे

लेकिन कुछ नही मिलता उसकी यादों के सिवा ।

सोचता हूं जला दूं उसकी यादो को

लेकिन डरता हूं कहीं ज़ल ना जाऊं खुद ही ।

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