रविवार, 3 फ़रवरी 2013

अभी तक झूठ से दिल को


अभी तक झूठ से दिल को, तसल्ली दी है 'नक्षत्र'
अगर सच के परदे खुले तो क़यामत होगी .

-अंकित कुमार 'नक्षत्र'


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Abhi tak jhoot se dil ko tasalli di hai 'nakshatr'
agar sach ke parde khule to kayamat hogi.

-ankit kumar 'nakshatr'
 

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